आज हम जानेंगे कोई ब्यक्ति लोन कैसे ले सकते है, इसके फायदे नुकसान क्या क्या है और लोन लेने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है।

लोन या ऋण जिसे लोग अलग-अलग कारणों के चलते लेते है, आज हम जानेंगे आखिर कोई लोन कैसे ले सकता है किसी बैंक या बित्तीय संस्था से, लोन लेने के लिए क्या क्या करना पड़ता है, इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है और लोन लेने से पहले आपको किस किस बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है क्यूंकि ऋण या लोन लेने के बाद आपको वह ऋण चुकाना भी पड़ता है।
लोन आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से ले सकते है, ऑनलाइन जहाँ आप किसी एप्लीकेशन के माध्यम से लोन ले सकते है वहीँ ऑफलाइन लोन लेने के लिए आपको किसी बैंक या बित्तीय संस्था में जाना होता है।
लोन कैसे ले सकते है यह जानने के साथ साथ हमें यह जानना चाहिए की लोन या ऋण आखिर क्यों लिया जाता है और लोन लेने के फायदे और नुकसान क्या क्या है। पहले हम जानेंगे लोन कैसे ले सकते है इसके बारे में।
लोन कैसे ले सकते है
लोन आप किसी बैंक या बित्तीय संस्था से ले सकते है। इन दोनों जगहों में लोन का आबेदन करना बहुत ही आसान होता है। इसके लिए आपको जिस बैंक या बित्तीय संस्था से लोन लेना है वहां जाकर अधिकारीयों से बात करके लोन के बारे में सब कुछ जानना होता है जिसके बाद आप जरुरी दस्ताबेज़ो के साथ लोन के लिए आबेदन कर सकते है। आप चाहें तो ऑनलाइन भी आबेदन कर सकते हैं उनके बताए गए निर्देश का पालन करके।
मोबाइल से ऑनलाइन लोन कैसे लें सकते है
बर्तमान समय में बैंकों के मुकाबले NBFC (Non-Banking Financial Companies) आसानी से लोन उपलब्ध करा देती है। अगर आप ऑनलाइन मोबाइल फोन से लोन लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको RBI द्वारा स्वीकृत लोन देने वाली कोई भी एप्लीकेशन प्ले स्टोर से डाउनलोड करके उनके बताये गए निर्देशों को फॉलो करके लोन ले सकते है।
मुख्य तौर पर इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और आपके बैंक खाते की जानकारी मांगी जाती है। अगर आप उनके सभी नियम और शर्तों को मानते हुए सभी प्रकार के दस्तावेज मुहैया करा देते हैं तो आपको जल्द ही लोन दे दिया जाता है। लेकिन ध्यान रहे बाजार में कई सारी झूठे लोन एप्लीकेशन भी मौजूद है उनसे बच कर रहे।
लोन लेने के कारण या लोन क्यों लिया जाता है
कोई ब्यक्ति या कंपनी कई सारी वजहों के चलते लोन लेते है। कोई ब्यक्ति लोन लेता है अपने घर बनाने के लिए, पढ़ाई करने के लिए, गाड़ी या किसी बड़ी चीज खरीदने के लिए इत्यादि। इसके अलावा कोई कंपनी लोन लेता है कंपनी की खर्चा उठाने के लिए, उस कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए, सामान खरीदने के लिए इत्यादि।
लोन लेने के फायदे
चलिए अब बात करते है लोन लेने के क्या क्या फायदे होते है –
- लोन के जरिये आपको आपके आय और इतिहास के आधार पर जरूरत के पैसे मिल जाते हैं जिससे आप जरुरत के समय में आर्थिक स्थिति को सुधार सकते है, खुदके और परिबार के खर्चा उठा सकते है, अचानक आयी बुरे वक़्त से लड़ सकते है।
- अगर आप लोन के लिए Eligible पाए जाते हैं तो 24 से 48 घंटों में वह धनराशि आपके Bank account में सुरक्षित सौंप दिया जाता है।
- लोन चुकाने के लिए आप अपने कमाई के अनुसार समय सीमा को तय कर सकते है कि आपको कब तक लोन चुकाना है।
- आपको जिस प्रकार की जरूरत है उस अनुसार आप उस प्रकार के लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- Income tax act, 1961 के अनुसार प्रायः सभी प्रकार के लोन में आपको Tax Benefit की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
लोन लेने के नुकसान
अब बात करते है लोन लेने से होने वाले नुकसान की –
- लोन को वापस चुकाने के समय आपको मूलधन के साथ ब्याज भी चुकाना होता है।
- समय पर लोन ना चुका पाने की स्थिति में आप की संपत्ति को ज़ब्त किया जा सकता है।
- लोन की EMI समय पर ना चुकाने की स्थिति में आप को Penalty के रूप में अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ सकती है।
- पर्सनल लोन में ब्याज दर अधिक होता है।
- लोन लेने के समय उधारकर्ता को अन्य प्रकार के शुल्क से होकर गुजरना पड़ता है जिसमें प्रोसेसिंग फीस, सर्विस फीस इत्यादि शामिल है।
लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना होता है
लोन लेना तो आसान है लेकिन उससे पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है जो आपको लोन लेने में और उसे चुकाने में मदद करता है। तो आइये जानते है वह कौनसी बातें है।
1. क्रेडिट स्कोर: क्रेडिट स्कोर तीन अंकों की संख्या है जो क्रेडिट रिपोर्ट में मिली जानकारी को सारांशित करती है, सीधी भाषा में यह आपके क्रेडिट इतिहास से निर्धारित होता है जो लोन लेने से पहले आपको एकबार ज़रूर देख लेना चाहिए। यह दिखाता है कि आपने इससे पहले लिए गए लोन कितने अच्छे से चुकाया है या नहीं, कोई भी बैंक या फिर बित्तीय संस्था आपको लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट इतिहास जरूर देखता है। वैसे 750 या उससे ऊपर को एक अच्छा क्रेडिट स्कोर माना जाता है।
2. ब्याज की दर: लोन लेने से पहले उस लोन पर लगने वाले ब्याज की दर जिसे Interest Rate भी कहते है वह देखना ना भूले, क्यूंकि लोन लिए गए धनराशि के साथ साथ आपको ब्याज भी चुकाना होता है।
आपको बता दे कुछ लोन पर Collateral (आपकी किसी चीज जमा रखा जाता है लोनदाता के पास) जमा रखी जाती है, ऐसे लोन पर ब्याज दर कम होता है। पर जिस लोन के लिए Collateral जमा नहीं होता है उस पर ब्याज दर ज्यादा होता है।
3. प्रोसेसिंग फी और चार्जेस: लोन लेने से पहले आप उसके प्रोसेसिंग फी और बाकी के चार्जेस जैसे समय के मुताबिक पैसे ना दे पाए तो कितना जुर्माना देना होगा वह सब कुछ देखना ना भूले, हालांकि ये फीस और चार्जेस निर्भर करता है लोन लिए गए राशि और अलग अलग बैंक या बित्तीय संस्था के ऊपर।
4. रिसर्च करिये: लोन लेने से पहले आपको पता होना चाहिए की आपको किस प्रकार की लोन की ज़रूरत है, होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन या फिर कोई अन्य लोन। फिर आपको यह देखना होगा की कौनसी बैंक या बित्तीय संस्था आपको वह लोन कम ब्याज और कम खर्चे में दे रहा है ताकि लोन चुकाना आपके लिए आसान हो सके।
लोन लेने के लिए Documents
- आपके फोटोग्राफ के साथ लोन एप्लीकेशन फॉर्म
- पहचान पत्र और निवास प्रमाण (Residence Proof)
- अंतिम 6 महीने का Bank Statement
- Processing Fee Cheque
- नबीनतम Salary Slip
- Form 16
- अगर आप बिज़नेस करते है तो उसका प्रमाण, आपके Business Profile और पिछले 3 वर्ष का Income Tax Return के साथ साथ पिछले 3 वर्ष का Profit या Loss का पूरा Balance sheet
लोन का 4 C’s of Credit क्या है
1. Character: इसका मतलब होता है loan लेने वाले का पूरा इतिहास। मतलब लोन लेने वाला व्यक्ति कैसा है, उसने पहले कब कब लोन लिया है और उनको कितने अच्छे से चुकाया है। इस चीज़ को देखने के लिए क्रेडिट स्कोर का इस्तमाल किया जाता है।
2. Capacity: इसका मतलब होता है किसी भी बिजनेस की कितनी क्षमता है कि वह उससे पैसे कमाके उस लोन लिए गए धनराशि को चुका सकता है या फिर नौकरी वाले व्यक्ति की सैलरी कितनी है जिससे वह लोन चूका पायेगा या नहीं यह देखा जाता है।
3. Capital: Capital यानि किसी बिज़नेस का कितना संपत्ति है, जिसमें उसकी मशीन और सभी उपकरण शामिल होता है। लोन देने से पहले बैंक यह सभी चीज़ें देखती है ताकि भविष्य में वह कंपनी लोन चुकाने में असमर्थ रही तो उसकी कैपिटल को बेच कर बैंक अपना पैसा वापस ले सके।
4. Collateral: Collateral का मतलब होता है वो पैसा और उपकरण जिसे एक बिजनेसमैन या कोई व्यक्ति गिरबी रख कर लोन लेता है। बिज़नेस चाहे कितना ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है लेकिन फिर भी लोनदाता सभी उपकरण गिरबी रखता है सुरक्षा की तौर पर, ताकि अगर वह कंपनी लोन ना चूका पाए तो उस कंपनी की संपत्ति को बेच कर लोनदाता अपना पैसा वापस ले सके।
आज आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख “लोन कैसे ले सकते है किसी बैंक या किसी बित्तीय संस्था से या लोन कैसे लिया जाता है और लोन लेने के लिए क्या क्या करना पड़ता है” जरुर पसंद आई होगी। अगर हमारा यह लेख आपको पसंद आयी है तो यह लेख अपने दोस्तों और परिबार के साथ जरूर शेयर करें।
Also Read :
- जानिए लोन क्या है और कितने प्रकार के होते है | What is loan & Type of loan in hindi
- RBI DIGITA क्या है और आपको इससे क्या फ़ायदा होगा । Digital India Trust Agency

Loanpage.in पर आपका स्वागत है, इस ब्लॉग के माध्यम से हम लोगो को सभी प्रकार के लोन जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, बिज़नेस लोन आदि के बारे में सही जानकारी प्रदान करके उपयोगकर्ताओं को जागरूक बनाते है।