लोग पर्सनल लोन लेकर आपातकालीन स्थिति से बाहर तो आ जाते है लेकिन जब बात उस लोन को चुकाने का समय आता है तब ऐसे कई मौके आते है जब लोग उस लोन को चुकाने में असफल हो जाते है, ऐसे में उनके मन में यह सवाल आता है की Personal Loan नहीं भरा तो क्या होगा या फिर पर्सनल लोन की EMI नहीं भरा तो क्या होगा। इसीलिए आज हम आपको इस लेख “personal loan nahi bhara to kya hoga” के माध्यम से इन सभी सवालो का जवाब देंगे।

Personal Loan क्या है?
Personal Loan, Credit Card और Consumer Durable Loan एक प्रकार के असुरक्षित लोन है जो बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा दिया जाता है। ऐसे लोन लेने के लिए आपको किसी भी सिक्योरिटी या कोलेटरल की आवश्यकता नहीं पड़ता, जिसका मतलब है होम लोन और गोल्ड लोन जैसी सुरक्षित लोन की तरह पर्सनल लोन लेने के लिए आपको किसी कीमती चीज़ को ऋणदाता के पास गिरवी रखना नहीं पड़ता है और इसीलिए पर्सनल लोन पर ज्यादा ब्याज लिया जाता है। पर्सनल लोन लेकर आप उस पैसे को किसी भी काम के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
इस प्रकार के लोन लेने के लिए आपका सिबिल स्कोर या फिर क्रेडिट स्कोर अच्छा होना चाहिए, आय का स्रोत होना चाहिए और आपका क्रेडिट प्रोफाइल भी अच्छा होना चाहिए तभी आपको बैंको द्वारा पर्सनल लोन मिलता है।
Personal Loan नहीं भरा तो क्या होगा?
अगर आपने पर्सनल लोन का EMI नहीं भरते है तो आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जैसे –
- Late Payment Charges: अगर आप समय पर पेमेंट नहीं करते, तो आपको लेट पेमेंट चार्जेज देना पड़ सकता हैं जो हर महीने बढ़ता रहता है।
- Credit Score: आपका क्रेडिट स्कोर गिर जायेगा जिस वजह से भबिष्य में आपको लोन लेने में परेशानी आएगी।
- Penalty: EMI ना देने पर आपके ऊपर पेनाल्टी के तौर पर ज़्यादा चार्जेस लगाया जा सकता है।
- Legal Action: ज़्यादा दिन तक लोन का पुनर्भुगतान ना होने पर बैंक आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
- Future: लोन ना भरने पर आपको भबिष्य में कहीं से भी लोन नहीं मिल पायेगा।
बैंक क्या कर सकता है | Personal Loan EMI नहीं भरा तो क्या होगा?

जैसे ही आप पर्सनल लोन का EMI भरना बंद करेंगे तो बैंक आपके ऊपर तीन केटेगरी में कार्रवाई करता है। जिसमें से पहला है 0 – 30 DPD, दूसरा है 30 – 60 DPD, और तीसरा है 60 – 90 DPD, यहाँ पर DPD का मतलब है, EMI देने में आपके कितने दिन Past Dues हुए है।
0 To 30 DPD
अगर आप 30 दिनों में आपका EMI नहीं दे पाते है तो इसमें सिर्फ आपका सिबिल स्कोर थोड़ा सा ख़राब होता है, और इसके साथ साथ बैंक आपकी जानकारी थर्ड पार्टी एजेंसी को देकर आपको EMI के बारे में कॉल करके याद दिलाने लगता है। इन 30 दिनों के अंदर बैंक आपके ऊपर कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं करता है।
30 To 60 DPD
लेकिन अगर आप 30 दिन के बाद भी EMI नहीं भरते है तो आप दूसरी केटेगरी में आ जाते हो जिसमें आपको 30 से 60 दिनों का समय मिलता है।
30 दिन के बाद भी पुनर्भुगतान नहीं करते है तो आपके अकाउंट को SMA-1 (Special Mention Account) श्रेणी के अंदर डाल दिया जाता है, और ऐसा होते ही बैंक आपकी अकाउंट पर नज़र रखना चालू कर देता है। इस केटेगरी में आते ही आपको थर्ड पार्टी के मदद से लगातार कॉल आते रहेंगे।
60 To 90 DPD
और अगर आप 60 दिन के बाद भी EMI नहीं भरते है तो आप तीसरी केटेगरी में आ जाते हो जिसमें आपको 60 से 90 दिनों का समय मिलता है, 60 दिन पार होते ही बैंक आपके ऊपर कार्रवाई करने लगता है।
ऐसे मामले में आपके अकाउंट को SMA-2 के श्रेणी में डाल दिया जाता है जिसका मतलब होता है आपका अकाउंट बैंक और RBI दोनों के लिए एक खतरा माना जायेगा। ऐसे परिस्थिति में आपको रिकवरी एजेंट्स के द्वारा लगातार कॉल आएंगे जिसमें आपको लोन भरने को कहा जायेगा।
After 90 DPD
लेकिन अगर 90 दिन बाद भी अगर आपने EMI नहीं भरा तो बैंक आपके ऊपर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले आपके अकाउंट को NPA यानि Non Performing Asset बना देगा, इसके बाद आपके पास कोर्ट के द्वारा तीन नोटिस भेजा जायेगा –
- Section 138 Notice: यह नोटिस चेक बाउंस से सम्बंधित है।
- LRN: इसके साथ आपको Loan Recall Notice भेजा जायेगा।
- DLN: और तीसरा नोटिस है Demand Legal Notice जिसमें आपको पेमेंट करने को कहा जायेगा।
इन तीन नोटिस के साथ साथ बैंक आपके घर पर लोन रिकवर करने के लिए लगातर एजेंट्स को भेजता रहेगा जो आपको थोड़ा डरा सकता है, लेकिन इसके बाद भी अगर आपने EMI नहीं भरा तो बैंक आपके ऊपर कुछ केस कर सकता है जो निचे निम्नलिखित है –
- Section 138: जब आप लोन लेते है तब बैंक आपसे एक ब्लेंक चेक साइन करवाता है और जब आप लगातार EMI नहीं भरते है तब बैंक इसका इस्तेमाल करता है लेकिन उस समय अगर आपका चेक बाउंस होता है तब आपके ऊपर इसका एक केस बन जाता है जिसके अंतर्गत आपको 2 साल की जेल हो सकता है।
- Section 25: आज कल ज़्यादातर लोग ऑनलाइन के माध्यम से लोन लेता है, और इन परिस्थितियों में चेक की जगह NACH साइन कराया जाता है जिसमे आपके ऊपर Section 25 of the Payments and Settlement Act लागु होता है जिसके अंतर्गत भी आपको 2 साल की जेल हो सकता है।
- Section 420: यह एक्ट ठग और धोका देने वालो के ऊपर लगाया जाता है। अगर लोन लेते समय आपने कोई झूठा या फेक दस्ताबेज देकर लोन लेते है तब यह एक्ट उनपर लागु किया जाता है। लेकिन अगर आपने ऐसा नहीं किया है तो यह आपके ऊपर लागु नहीं होता है।
हालाँकि बैंक ज़्यादातर लोगो के ऊपर इतने कठोर कानून का इस्तेमाल नहीं करता है, इसके बिपरीत वे Loan Settlement का रास्ता अपना कर उस लोन को बंद करने की कोशिश करता है। तो चलिए जान लेते है Loan Settlement क्या होता है –
- Loan Settlement: Loan Settlement यानि लोन का मोलभाव करना, इसमें बैंक आपको काफी छूट देता है। उदाहरण के तौर पे ब्याज के साथ अगर आपको 5 लाख का लोन चुकाना है तो बैंक आपका ब्याज माफ़ करके सिर्फ मूलधन चुकाने को कहेगा, और अगर वह भी नहीं कर सकते तो आप मूलधन के आधा पैसा देकर भी उस लोन को बंद कर सकते है। अगर आपको मोलभाव करना आता है तो आप इसमें लाखो का लोन सिर्फ 20 हज़ार में भी बंद कर सकते है, हालाँकि यह इतना आसान नहीं होता है। Settlement का रास्ता चुनने पर आपका सिबिल स्कोर काफी ख़राब हो जाता है जिसके बाद आपको अगले 8 से 10 साल तक ना कोई लोन मिल पायेगा और ना कोई क्रेडिट कार्ड मिल पायेगा।
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- Paytm Se Personal Loan Kaise Le
- Personal Loan क्या है? पात्रता, प्रकार, लाभ और आबेदन प्रक्रिया
आपका अधिकार | आप क्या कर सकते है?

- Reschedule: अगर आपको भुगतान करने में समस्या हो रही है, तो आप बैंक से अनुरोध कर सकते हैं कि आपका ऋण पुनर्निर्धारण किया जाए।
- Debt Counseling: अगर आपको लगता है कि आप आर्थिक रूप से तनावग्रस्त हैं तो आप ऋण परामर्श सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं, जो आपको पुनर्भुगतान योजना बनाने में मदद करते हैं।
- Negotiate: अगर आप अचानक ख़राब स्थिति में गिर जाते है तो ऋणदाता के साथ संपर्क करके मोलभाव कर सकते है जिसमें ऋणदाता आपका EMI कम भी कर सकता है।
- Fair Practice Code: RBI द्वारा बनाया गया इस कोड के अनुसार लोन ना भरने पर भी उस ब्यक्ति के साथ अच्छा ब्यबहार होना चाहिए, उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए, और ना ही उनको डराया और धमकाया जा सकता है।
- Privacy: RBI के अनुसार किसी भी ब्यक्ति का पर्सनल जानकारी पब्लिक नहीं होना चाहिए और ना ही बैंक आपके दोस्तों और परिबार को कॉल करके परेशान कर सकता है।
- Recovery Agents: रिकवरी एजेंट्स को आपसे अच्छे से बर्ताव करना होगा, उनके पास सही आईडी के साथ बैंक के द्वारा दिया गया लेटर भी होना चाहिए। इसके अलावा आपके दिए गए समय पर ही एजेंट आपसे मिल सकता है लेकिन शाम 7 बजे के बाद कोई भी एजेंट आपके घर नहीं जा सकता है।
निष्कर्ष
कुछ भी हो जाये पर आपको हमेशा अपने ऋणदाता के साथ अच्छे संपर्क बनाये रखना है, क्यूंकि ऐसा करने पर ऋण देने वाले बैंक आपके परेशानी को समझ कर आपका EMI कम भी कर सकता है। और लोन सेटलमेंट का रास्ता सबसे अंतिम में ही चुने बरना भबिष्य में आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
आपको अगर हमारा यह लेख “Personal Loan नहीं भरा तो क्या होगा” को पढ़कर सभी जानकारी मिला है तो इसे अपने दोस्तों और परिबार के साथ ज़रूर शेयर करें।

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